रौंद देती है दुनिया उन्हें
लगा देती है ठिकाने !!
ज़रा सी आवाज़ उठाओ
तो लोग कहते है -"मारो -मारो"!!
रख के जान हथेलियों पर चलते है हमारे जाबांज
कहना तो दूर उन्हें शाबाश
कहने लगते है सब ,नहीं चलेगा इनका राज़ !!
अपना घर छोड़कर निकलते है देश की रक्षा करने
फूंक देते है उन्ही का घर सब
छीन लेते है खुशियाँ सारी
और छोड़ देते है जिल्लत की अग्नि में दहने !!
अब तक यही चलता आया है
क्या आगे भी यही चलेगा ??
पूछ के देखो दिल से अपने
क्या देश मक्कारों की मुट्ठी में पलेगा ??
आओ मिलके बदले भारत की तस्वीर
दे अपने देश को एक नयी पहचान
जिद करे दुनिया बदलने की
बना दे एक नया हिंदुस्तान !!
~~SWATI~~
अपना घर छोड़कर निकलते है देश की रक्षा करने
फूंक देते है उन्ही का घर सब
छीन लेते है खुशियाँ सारी
और छोड़ देते है जिल्लत की अग्नि में दहने !!
अब तक यही चलता आया है
क्या आगे भी यही चलेगा ??
पूछ के देखो दिल से अपने
आओ मिलके बदले भारत की तस्वीर
दे अपने देश को एक नयी पहचान
जिद करे दुनिया बदलने की
बना दे एक नया हिंदुस्तान !!
~~SWATI~~
4 comments:
बदलाव के लिए हर किसी को प्रतिबद्द होने का समय है. सार्थक रचना.
bilkul sir !! sabko individual level pe positive changes lane honge !
thank u ma'am!!
thank u yashwant ji !!
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